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Naayaab Ashaar (नायाब आश्आर)
Vijay Mittal
(Autor)
·
Diamond Pocket Books Pvt Ltd
· Tapa Blanda
Naayaab Ashaar (नायाब आश्आर) - Mittal, Vijay
Sin Stock
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Reseña del libro "Naayaab Ashaar (नायाब आश्आर)"
नायाब अश्आर किताब आप के हाथों में है। डॉ. विजय मित्तल को युवा अवस्था से ही मक़बूल अश्आर जमा करने का शौक रहा है। बाद में उन्होंने खुद शेर ओ ग़ज़ल की दुनिया में कदम रखा। इस किताब में लगभग 2000 अश्आर हैं जो वली दकनी से लेकर आज के दौर के शौरा द्वारा कहे गये हैं। शौरा के नाम की फहरिस्त हिन्दी वर्णमाला के मुताबिक दी गई है। निज़ामत करते वक्त या तज़्मीन कहने में अक्सर मक़बूल अश्आर का हवाला दिया जाता है और इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस किताब में अश्आर का इन्तखाब किया गया है और ये अश्आर इनके पसंदीदा भी हैं। आखिर में 200 से ज़ियादा अश्आर हैं जिनके शौरा के नाम मालूम नहीं।उम्मीद है ये चुनिंदा अश्आर आप के दिल को भी छू लेंगे।
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Blanda.
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