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Tamil Ki Lokpriya Kahaniyan (en Hindi)
A. Bhawani
(Autor)
·
Prabhat Prakashan Pvt Ltd
· Tapa Dura
Tamil Ki Lokpriya Kahaniyan (en Hindi) - Bhawani, A.
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Reseña del libro "Tamil Ki Lokpriya Kahaniyan (en Hindi)"
वैसे तो कहानी सुनने-सुनाने की प्रथा आदिकाल से चली आ रही है। तमिल में आधुनिक कहानी की परंपरा सवा सौ वर्ष पुरानी है। कहानी कला की विधा यद्यपि तमिल साहित्य के लिए नई होते हुए भी कहानी बहुत पुरानी है। प्राचीन तमिल साहित्य में कहानी सुनाने की प्रथा कविता के माध्यम से थी। संघकाल की कविताओं में तथा प्राचीन युग की अन्य कविताओं में कथा-काव्य लिखने की परंपरा थी। आज की तरह उपन्यास और कहानियों की नई साहित्यिक विधा न होने पर भी कथा अवश्य होती थी। प्राचीन तमिल महाकाव्यों में प्रासंगिक कथाएँ बीच-बीच में होती थीं। संगमकाल की कविताओं में भी कथा-काव्य मिलते हैं, फिर भी छोटी कहानियाँ लिखने की परिपाटी यहाँ पाश्चात्य प्रभाव से ही ग्रहण की गई है। तमिल में भी कहानी साहित्य और उपन्यास साहित्य विविध रूपों में विकसित हुआ। युग के अनुसार, समाज में होनेवाले परिवर्तन के अनुरूप साहित्य का रूप, स्वर बदलता गया, और तमिल कहानी साहित्य भी अपनी वैविध्य विशेषताओं से उभरकर सामने आया। जिस प्रकार लेखक की कई दृष्टियाँ होती हैं, इसी प्रकार पाठक की भी कई उम्मीदें और माँगें होती हैं। उसे पहचानकर लिखने में ही एक साहित्यकार की प्रतिभा निहित है। तमिल साहित्यकार
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Dura.
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