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Tanaav Mukti Ke Saral Upay
Sadaiv, Shashikant (Autor)
·
Prabhakar Prakshan
· Tapa Blanda
Tanaav Mukti Ke Saral Upay - Sadaiv, Shashikant
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Reseña del libro "Tanaav Mukti Ke Saral Upay"
यह तो हम सभी जानते हैं कि हर आदमी किसी न किसी बात को लेकर दुखी व तनावपूर्ण है, पर क्या आप जानते हैं कि अगला हर पांचवा आदमी किसी न किसी मनोरोग से पीड़ित है, जो वह खुद नहीं जानता? जी हां कई परिणाम ऐसे हैं, जो इस बात का प्रमाण देते हैं। तनाव के कारण कोई आत्महत्या कर रहा है तो, कोई अपना घर छोड़कर भागा हुआ है। कोई दंगे फैलाने में लगा है, तो कोई बलात्कार कर रहा है। किसी को किसी भय ने घेर रखा है तो, कोई किसी लत की गिरफ्त में है। किसी का आत्मविश्वास लड़खड़ा रहा है तो किसी की याद्दाश्त जवाब देने लगी है। किसी को तन्हा रहने का दुख है, तो किसी को किसी के साथ रहने का दुख है। कोई खुद को मार डालना चाहता है, तो किसी के जीने का मकसद सामने वाले को मारना है। सच तो यह है यहां गंवाने वाला तो दुखी है ही, कमाने वाला भी संतुष्ट नजर नहीं आता। यह सारी स्थितियां व परिणाम दर्शाते हैं कि आदमी मानसिक रूप से कितना रुग्ण, बेचैन व अशांत है और वह इसलिए है क्योंकि वह चौबीस घंटे किसी न किसी तनाव से भरा हुआ है। तनाव उसके जीवन का अभिन्न अंग बन गया है और यही तनाव जब लंबे समय तक जीवन में बना रहता है तो वह डिप्रेशन का रूप ले लेता है, जो कि और भी खतरनाक है। इससे पहले कि तनाव, डिप्रेशन का भयंकर रूप ले हमें
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El libro está escrito en Hindi.
La encuadernación de esta edición es Tapa Blanda.
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